गब्बर: कितने आदमी थे…!!!
सांभा: 4 सरदार..!!
गब्बर: कौन-कौन
सांभा: – “राम पाल“, “राम रहीम“, “आशा राम“, “राम बृक्ष“…!!!
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गब्बर: – क्या बात है रे कालिया ये चारों मे
राम ही राम है…???
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ठाकुर: – “राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट…, अपनी लुटिया बची रही रहे
चाहे किसी को कूट” ?
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गब्बर: जियो रे ठाकुर, अब अगला नंबर किसका…???
कालिया: अरे वही जो आँख मारता रहता है…!!!
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बसंती: – सरदार बाबा राम देव…,
गब्बर: – इ तो गज़ब होई गवा ससुरा इसमे भी — राम…!!!